भारतीय काव्यशास्त्र – साधारणीकरण
1. भावकत्वं साधारणीकरण यह परिभाषा किसने दी है(क) भट्टनायक (ख) भट्टलोल्लट (ग) आचार्य शंकुक (घ) डॉ. नगेन्द्र
2. रस सम्प्रदाय के प्रवर्तक आचार्य का नाम क्या है –
(क) भरत मुनि (ख) मम्मट (ग) अभिनवगुप्त (घ) भट्टनायक
3. इनमें से कौन-सा आचार्य रस सूत्र का व्याख्याता नहीं है
(क) आनन्द वर्धन (ख) अभिनवगुप्त (ग) भट्टनायक (घ) भट्टलोल्लट
4. साधारणीकरण सिद्धान्त के आविष्कर्ता आचार्य कौन है –
(क) भट्टनायक (ख) आचार्य अभिनवगुप्त (ग) भट्टलोल्लट (घ) आचार्य शंकुक
5. साधारणीकरण का अर्थ है –
किसी रचना को पढ़कर पात्रों के साथ पाठक का सामान्य भाव भूमि में आ जाना
सामान्य पाठक द्वारा साधारण रचना का रसास्वादन
किसी कृति को पढ़ते समय पाठक द्वारा स्वयं को साधारण समझना
इनमें से कोई नही
6. साधारणीकरण आलम्बन धर्म का होता है – किसकी उक्ति है
रामचंद्रशुक्ल
नगेंद्र
गुलाबराय
द्विवेदी
7. रस सिद्धांत के पहले पहल साधारणीकरण का प्रयोग करनेवाले विद्वान थे।
(क) भट्टनायक (ख) भट्टलोल्लट (ग) आचार्य रामचंद्रशुक्ल (घ) डॉ. नगेन्द्र
8. कवि भावना का साधारणीकरण मानने वाले व्याख्याकार
नगेंद्र
रामचंद्रशुक्ल
गुलाबराय
द्विवेदी
9. सहृदय की चेतना का साधारणीकरण मानने वाले व्याख्याकार
केशवप्रसाद मिश्र
नगेंद्र
रामचंद्रशुक्ल
गुलाबराय
10. इनमें से किस आचार्य ने वाक्यं रसात्मकं काव्यं कहा है
(क) मम्मट (ख) विश्वनाथ (ग) पण्डितराज जगन्नाथ (घ) अभिनवगुप्त
सामान्य पाठक द्वारा साधारण रचना का रसास्वादन
किसी कृति को पढ़ते समय पाठक द्वारा स्वयं को साधारण समझना
इनमें से कोई नही
6. साधारणीकरण आलम्बन धर्म का होता है – किसकी उक्ति है
रामचंद्रशुक्ल
नगेंद्र
गुलाबराय
द्विवेदी
7. रस सिद्धांत के पहले पहल साधारणीकरण का प्रयोग करनेवाले विद्वान थे।
(क) भट्टनायक (ख) भट्टलोल्लट (ग) आचार्य रामचंद्रशुक्ल (घ) डॉ. नगेन्द्र
8. कवि भावना का साधारणीकरण मानने वाले व्याख्याकार
नगेंद्र
रामचंद्रशुक्ल
गुलाबराय
द्विवेदी
9. सहृदय की चेतना का साधारणीकरण मानने वाले व्याख्याकार
केशवप्रसाद मिश्र
नगेंद्र
रामचंद्रशुक्ल
गुलाबराय
10. इनमें से किस आचार्य ने वाक्यं रसात्मकं काव्यं कहा है
(क) मम्मट (ख) विश्वनाथ (ग) पण्डितराज जगन्नाथ (घ) अभिनवगुप्त
भारतीय काव्यशास्त्र – साधारणीकरण (SADHARNIKARAN)